एक प्रखर वक्ता, समाजसेवी, एक प्रभावी राजनेता, सहकारिता व कृषि विशेषज्ञ और पेशे से वकालत करने वाले श्री राजपाल सिंह सिसोदिया का व्यक्तित्व अपने आप में कई ज्वलंत अनुभवों का लिखित दस्तावेज़ है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया का जन्म १९७१ में कल्याणपुरा उज्जैन के एक धार्मिक, संपन्न व शिक्षित राजपूत परिवार में पिता श्री देवी सिंह सिसोदिया एवं माता श्रीमति केशरकुंवर सिसोदिया के घर हुआ। आपका विवाह श्रीमती सरोज सिंह सिसोदिया से १९९१ में सम्पन्न हुआ। श्री यशपाल सिंह सिसोदिया आपके सुपुत्र हैं।
राजपाल सिंह बाल्यकाल से ही महाराणा प्रताप, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, तथा अटल बिहारी वाजपेई जैसे महान राष्ट्रभक्तों के जीवनकार्यों से प्रेरित हुआ करते। वह विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रवाद तथा उनके दृष्टांत से प्रभावित हुए तथा वे संघ के एक सक्रिय सदस्य बन गए। आपको समाज सेवा की प्रेरणा बचपन से ही विरासत में मिली, अतः बढ़ती आधुनिकता के इस दौर में भी आपने मानव समाज के प्रति अपने दायित्वों को समझते हुए अपना जीवन जनसेवा एवं देशसेवा हेतु समर्पित करने का निश्चय किया एवं भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की प्रभावशाली यात्रा की और उन्मुख हुए।
अंतर्मन के गान सा, सृष्टि के निर्माण सा;
कलरव गौरव गान सा, अतुलित भारतवर्ष हमारा ।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा ।
क्षुब्ध-क्षुधा, पीड़ित तन-मन, बीहड़ सा अँधियारा;
सूर्य रश्मि सा दृढ निश्चय है मंत्र विकास हमारा।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
अगणित बलिदानों से प्राप्त स्वराज्य यह प्यारा;
कर्मयोग से ही संभव है भारत भाग्य विधाता।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
रामकृष्ण से लीलाधारी, शिवा हो या महाराणा;
श्वेत कपोतों से नहीं बनता आज़ादी का उजियारा।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
आओ फिर से शौर्य जगाएं, भारत की कोटि भुजाओं में।
विश्वगुरु हो पुनः सुशोभित हिन्दुस्तान हमारा।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
अंतर्मन के गान सा, सृष्टि के निर्माण सा;
कलरव गौरव गान सा, अतुलित भारतवर्ष हमारा ।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा ।
क्षुब्ध-क्षुधा, पीड़ित तन-मन, बीहड़ सा अँधियारा;
सूर्य रश्मि सा दृढ निश्चय है मंत्र विकास हमारा।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
अगणित बलिदानों से प्राप्त स्वराज्य यह प्यारा;
कर्मयोग से ही संभव है भारत भाग्य विधाता।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
रामकृष्ण से लीलाधारी, शिवा हो या महाराणा;
श्वेत कपोतों से नहीं बनता आज़ादी का उजियारा।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
आओ फिर से शौर्य जगाएं, भारत की कोटि भुजाओं में।
विश्वगुरु हो पुनः सुशोभित हिन्दुस्तान हमारा।
स्वर्णिम भारत लक्ष्य हमारा।
'राजभवन' - बी 6/17, महाकाल वाणिज्य केंद्र,
उज्जैन ४५६०१० मध्यप्रदेश भारत